Friday, 18 May 2012

GARIBI KI PARIBHASHA(गरीबी की परिभाषा).........


 एक छोटी सी कविता
पूरी कहानी बयां कर जाती है!!१!!

गरीब लाचार व्यक्ति के
मन में छिपी सारी व्यथा बयां कर जाती है!

बेटी का विवाह  या समाज के ताने
मन में छिपा सारा दुःख बयां कर जाती है!

एक छोटी सी कविता
पूरी कहानी बयां कर जाती है!!२!!

बच्चों की शिक्षा या स्वयं का उपचार
मन में छिपी सारी दुविधा बयां कर जाती है!

पहनने को दो वस्त्र या रहने को छोटा सा आशियाँ
मन में छिपा सारा दुःख बयां कर जाती है!

एक छोटी सी कविता
पूरी कहानी बयां कर जाती है!!३!!

भगवान् पर अटूट विश्वास या किस्मत को दुत्कार
मन में छिपी सारी दुविधा बयां कर जाती है!

समाज की बेरुखी या सरकार की झूठी सहानुभूति
मन में छिपा सारा रोष बयां कर जाती है!

एक छोटी सी कविता
पूरी कहानी बयां कर जाती है!!४!!

भूखे पेट रोजगार की तलाश या साहूकार की गालियाँ
मन में छिपा सारा दर्द बयां कर जाती है!

बच्चों का वर्तमान या उनका भविष्य
मन में छिपी सारी दुविधा बयां कर जाती है!

एक छोटी सी कविता
पूरी कहानी बयां कर जाती है!!५!!

फटे वस्त्रो में जून की गर्मी या जनवरी की सर्दी
मन में छिपा सारा दर्द बयां कर जाती है!

दिवाली की रोशनी या होली के रंग
मन में छिपी सारी व्यथा बयां कर जाती है!

एक छोटी सी कविता
पूरी कहानी बयां कर जाती है!!६!!





         BY:-                       .....................मेघव्रत आर्य.....................

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