स्मृतिकार तू स्मृति करा दे, देशप्रेम मतवालों की
मात्रभूमि पर मिटने वाले भारत माँ के लालों की!!१!!
स्मृति न विस्मृत होने पाए,
अपने स्याह लहू से स्वतन्त्र भारत का सृजन करने वालों की
स्मृतिकार तू स्मृति करा दे
देश की आज़ादी और कारगिल में शहीद वीर जवानों की
स्मृतिकार तू स्मृति करा दे, देशप्रेम मतवालों की
मात्रभूमि पर मिटने वाले भारत माँ के लालों की!!२!!
स्मृति न विस्मृत होने पाए,
राष्ट्रहित फांसी के फंदे को गले का हार बनाने वालों की,
स्मृतिकार तू स्मृति करा दे
घायल सीना लेकर दुश्मनों को खाक में मिलाने वाले वीर जवानों की
स्मृतिकार तू स्मृति करा दे देशप्रेम मतवालों की
मात्रभूमि पर मिटने वाले भारत माँ के लालों की!!३!!
स्मृतिकार तू स्मृति करा दे, बूढ़े पिता को
उनके बुढ़ापे का सहारा बनने नहीं आ रहा हूँ, में
जिन कन्धों चढ़कर घुमा में पूरे बचपन
उन्ही कन्धों का सहारा लेने फिर आ रहा हूँ में,
स्मृतिकार तू स्मृति करा दे बूढी माँ को
उसे छोड़कर नहीं जा रहा हूँ में,
अपितु भारत माँ की रक्षा के लिए एक माँ की
कोख से जन्म लेने फिर आ रहा हूँ में,
स्मृतिकार तू स्मृति करा दे देशप्रेम मतवालों की
मात्रभूमि पर मिटने वाले भारत माँ के लालों की!!४!!
BY:- ..................मेघव्रत आर्य................
No comments:
Post a Comment