एक सन्यासी ने ४ जून सा प्रण, जो दोहराया है!
दश जनपथ पर देखो, आज फिर से मातम छाया है!!१!!
आत्मसुरक्षा को खतरा समझती है, इटली वाली माता!
काले धन का ब्यौरा जब-जब माँगा जाता!!२!!
सत्ता के नशे में अंधे होकर करते ये मनमानी!
जनलोकपाल जैसे कानून बनाने में करते ये आनाकानी!!३!!
एक योगी-सन्यासी ने इन लुटेरों को, आज फिर ललकारा है!
राष्ट्रहित युवाओं को रण में, आज फिर पुकारा है!!४!!
घर से निकलो दिल्ली पहुँचो, एक सन्यासी का ये आवाहन है!
मां भारती को मिलेगा उसका खोया गौरव, जन-जन से ये आश्वासन है!!५!!
अब न बरसेंगी सोते लोगों पर लाठी, न कोई 'राजबाला' शहीद होगी!
काला धन लाना होगा, लोकपाल बनाना होगा इससे पहले न भ्रष्ट नेताओं की कोई खैर होगी!!६!!
BY:- ................मेघव्रत आर्य..............
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