Friday, 18 May 2012

SERVILE ELECTRONIC MEDIA(चापलूस, चमचाखोर इलेक्ट्रोनिक मीडिया).........

कबीर याद हैं न आपको??? अरे वही, जो दोहे वोहे लिखा करते थे. अब भी याद नहीं आया, चलो अच्छा ही है की हम उन्हें भूल गए, वर्ना आज की इस चापलूस, चमचाखोर और चाटुकार इलेक्ट्रोनिक मीडिया की स्थिति देखकर वो बेचारे काशी के किसी घाट पर सिर पटक-पटक कर आत्महत्या कर लेते. चापलूसी और चाटुकारिता के प्रबल विरोधी कबीर से लेकर हरिशंकर परसाई तक चापलूसों के खतरे के भांपते हुए, कागज बर्बाद करके भगवान् को प्यारे हो गए. लेकिन चापलूसी आज भी जिन्दा है, देश की इलेक्ट्रोनिक मीडिया को देखकर तो लगता है की अमृतपान करके हमेशा के लिए अमर हो गयी है. निःसंदेह इलेक्ट्रोनिक मीडिया को देश की जनता ख़बरों के आदान-प्रदान का सबसे तेज और शसक्त माध्यम मानती है, और आशा करती है, की इलेक्ट्रोनिक मीडिया १ अरब २१ करोड लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओ का सच और देश की वास्तविक हकीकत उन्हें निष्पक्ष रूप से दिखाएगी. लेकिन इलेक्ट्रोनिक मीडिया को देश के सच और ख़बरों की निष्पक्षता से ज्यादा अपनी T R P(Television Rating Point) प्यारी है.  कुछ सरकारी हड्डियाँ (Govt.. Bribe) और सरकारी फंडिंग पर नाचने वाली इलेक्ट्रोनिक मीडिया से ये उम्मीद करना की वो जनता को निष्पक्ष खबरें दिखाएगी पूरी तरह बेमानी है. Delhi NCR में एक लड़की के साथ रेप हो जाने की घटना पर यही नीच, चमचाखोर, चापलूस सरकारी इलेक्ट्रोनिक मीडिया, उस लड़की और उसके परिवार को संवेदना और सहानुभूति के चार शब्द बोलना तो दूर उल्टा उसके  MMS Clip को ब्रेकिंग न्यूज़ बनाकर 24 घंटे अपने न्यूज़ चैनल पर चलाती है. तो दूसरी तरफ एक सांसद "नारायण दत्त तिवारी" राजभवन में एक महिला के साथ रंगरेलियां मानते हुए पकड़ा जाता है, अभी कुछ दिनों पहले एक अन्य  सांसद "अभिषेक मनु सिंघवी" का सेक्स वीडियो सोसिअल नेटवर्किंग साइट्स पर आया.  पुराने अनुभवी व बहुचर्चित पोर्न नेता नारायण दत्त तिवारी के एक पुराने कुकृत्य को नाम देने के लिए हाईकोर्ट ने उससे उसका ब्लड सैमपल माँगा, उसने देने से साफ़ मना कर दिया. जब सुप्रीम कोर्ट ने  जबरन उसका ब्लड सैमपल लेने का आदेश दिया तो उसे चक्कर आने लगे और इन सारे प्रकरणों पर गला फाड़कर चिल्लाने वाला यही नीच सरकारी मीडिया ऐसे चुप बैठ गया जैसे इसकी जुबान को लकवा मार गया हो या कुछ सरकारी हड्डियाँ इसके मुह पर मारकर इसका मुह बंद करा दिया गया हो. आखिर क्यों  इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने देश की संविधानिक संस्था CAG द्वारा किये गए खुलासे अब तक के सबसे बड़े घोटाले (कोयला घोटाले) से सम्बंधित खबरें अपने न्यूज़ चैनल पर नहीं दिखाईं??? आखिर क्यों सलमान के अफेयर और बिपासा के ब्रेकअप को प्रमुखता से दिखाने वाली नीच सरकारी इलेक्ट्रोनिक मीडिया करोड़ों रूपए के कर्जे में डूबे हर रोज आत्महत्या करने वाले लाचार और बेबस किसानो की सच्चाई देश की बाकी जनता को नहीं दिखाती???  हर रोज कभी रावण की ममी, स्वर्ग की सीडी, तो कभी दुनिया की आखिरी तारीख, दिन और साल पता लगाने का दावा करने वाली इलेक्ट्रोनिक मीडिया, आखिर क्यों आज तक "सोनिया माता" की बीमारी और उनके अस्पताल का पता नहीं ढून्ढ पायी??????????


        BY:-                              ..................मेघव्रत आर्य...................

1 comment:

  1. very well written meghvrat bhai..............well done, carry on.........

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